۱ آذر ۱۴۰۳ |۱۹ جمادی‌الاول ۱۴۴۶ | Nov 21, 2024
इत्रे क़ुरआन

हौज़ा | तर्क स्थापित करने के बाद सत्य की पुष्टि करने का प्रभावी तरीका मुबाहिला है।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी

بسم الله الرحـــمن الرحــــیم बिस्मिल्लाह अल-रहमान अल-रहीम
فَمَنْ حَاجَّكَ فِيهِ مِن بَعْدِ مَا جَاءَكَ مِنَ الْعِلْمِ فَقُلْ تَعَالَوْا نَدْعُ أَبْنَاءَنَا وَأَبْنَاءَكُمْ وَنِسَاءَنَا وَنِسَاءَكُمْ وَأَنفُسَنَا وَأَنفُسَكُمْ ثُمَّ نَبْتَهِلْ فَنَجْعَل لَّعْنَتَ اللَّهِ عَلَى الْكَاذِبِينَ  फ़मन हाज्जका फ़ीहे मिन बादे मा जाअका मिनल इल्मे फ़क़ुल तआलो नदउ अब्नआना व अब्नाअकुम व नेसाअना व नेसाअकुम व अंफ़ोसना व अंफ़ोसकुम सुम्मा नबतहिल फ़नज्अल लानतल्लाहे अलल काज़ेबीन (आले-इमरान, 61 )

अनुवाद: ऐ पैगम्बर (स) जब आपको इस मामले में सही ज्ञान हो जाए, तो कौन आपसे बहस करेगा, तो आपको उनसे कहना चाहिए: आइए हम अपने बेटों, अपनी महिलाओ और अपने नफ़्सो को बुलाएं और फिर मुबाहेला करें। और झूठे लोगों पर लानत करें। (अर्थात् हम अपने बेटों को बुलाएं, तुम हमारे बेटों को बुलाओ, हम अपनी औरतों को बुलाएं, तुम हमारी औरतों को बुलाओ, और हम अपने नफ़सो को बुलाएं, और तुम अपने नफ़्सो को बुलाओ, फिर अल्लाह के सामने गिड़गिड़ाए और झूठों पर लानत करे)।

क़ुरआन की तफसीर:

1️⃣ पवित्र पैगंबर (स) का आदेश है कि ईसाइयों के खिलाफ तर्क स्थापित करके उन्हें मुबाहले के लिए आमंत्रित किया जाए।
2️⃣ तर्क स्थापित करने के बाद सत्य की पुष्टि करने का फलदायी तरीका मुबहेला है।
3️⃣ मुबाहेला में हक़ के ख़िलाफ़ लानत और बुरी दुआओं के क़ुबूल होने की गारंटी है।
4️⃣ इल्म और ईमान मुबाहेले के अमल के लिए शर्त है।
5️⃣ इमाम हसन और हुसैन (अ) आय ए मुबाहेला में "हमारे बच्चों" के एकमात्र उदाहरण हैं।
6️⃣ हज़रत ज़हरा की महानता ।
7️⃣ हज़रत अली (अ) पैगंबर (स) के नफस और महानता के मालिक हैं।
8️⃣ महिलाएं भी महत्वपूर्ण सामाजिक मुद्दों में पुरुषों के साथ भाग ले सकती हैं।


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तफ़सीर राहनुमा, सूर ए आले-इमरान

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